किन्नर से प्यार भाग - 1




कहानी _ **किन्नर से प्यार ।**

एस के मेमोरियल कॉलेज में आज वार्षिक उत्सव मनाया जा रहा था।कॉलेज के छात्र छात्राये खूब जोर शोर से उत्सव की तैयारी कर रहे थे।कई तरह की प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम और नाटक मंचन का कार्यक्रम बनाए गए थे।
सुनंदा भी अपनी सहेलियों सहित इन कार्यक्रमों में भाग ले रही थी।दूसरी तरफ राहुल भी अपने साथियों सहित कार्यक्रम को सफल बनाने में लगा हुआ था।
राहुल और सुनंदा का कोलेज में यह अंतिम दिन था दोनो ने बि ए स्नातक पास कर लिया था।दोनो के दोस्त बड़े मायूस और उदास थे। उन दोनो की वजह से कॉलेज में रौनक रहती थी।हर अयोजन शानदार और यादगार होता था।
मगर दोनो में एक जरा नही बनती थी। दोनो एक दूसरे को हराने में लगे रहते थे। उस उत्सव में डांस कंपटीशन भी रखा गया था।लड़के लड़कियां का बहुत सुंदर नृत्य रहा ।लोक नृत्य से लेकर क्लासिकल और फिल्मी गीतों के धुन पर आधारित रिकार्डिंग डांस। अंत में राहुल और सुनंदा को साथ में डांस करना था।दोनो ने एक दूसरे को हराने के लिए जबरजस्त डांस किया ।लोग वाह वाह करते हुए खूब तालियां बजाते रहे।
अंत में दोनो को विजेता घोषित किया।
कार्यक्रम में राज्य के शिक्षा मंत्री , शिक्षा विभाग के कई पदाधिकारी और कोलेज की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सचिव और निदेशक भी उपस्थित थे।
सबने अयोजन की भूरी भूरी प्रशंसा किया।मंत्री जी के हाथो सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया।
राहुल और सुनंदा को पुरस्कृत करते हुए मंत्री जी ने दोनों से पूछा तुम ने मुझे बहुत प्रभावित किया।सुना है तुम दोनो पढ़ने में बहुत अव्वल हो। यहां से जाने के बाद क्या करने का इरादा है।
राहुल ने कहा सर मैं एक आई ए एस ऑफिसर बनना चाहता हूं।
सुनंदा ने बताया सर मैं आगे चलकर बहुत बड़ी वकील बनना चाहती हूं ताकि सबको न्याय दिला सकूं खासकर महिलाओं को।
वाह बहुत सुंदर विचार है तुम दोनो के मेरी हार्दिक शुभकामनाए है तुम दोनो को अपने मकसद में कामयाब रहो।मेरी जब भी जरूरत पड़े मुझे जरूर याद करना ।मंत्री जी का आशीर्वाद लेकर दोनो मंच से नीचे उतर आए।जलपान गृह में नाश्ता करते हुए सुनंदा बहुत उदास थी।उसकी सहेलियों में राखी ने पूछा यार तुमने तो इतना इनाम जीता है फिर भी उदास क्यों लग रही हो।
हालांकि मेरी राहुल से कभी नही बनी लेकिन पता नही क्यों उससे बिछड़ने का बहुत दुख हो रहा है।इतने प्रतिभाशाली लड़के के साथ मैने पूरे कोलेज प्रियड में अच्छा ब्यवहार नही किया इसका मुझे बहुत अफसोस हो रहा है।
ओह अच्छा मेरी सहेली कही राहुल से प्यार तो नही कर बैठी है।ऐसा है तो चलो अभी तुम्हारी राहुल से बात करा देती हूं ।उससे बात कर अपने दिल का बोझ हल्का कर लेना।उसकी सहेली राखी ने हसंते हुए कहा।
मुझे झिझक हो रही है यार मैं उससे कैसे बात करूंगी मेरी समझ में नही आ रहा है।सुनंदा ने झिझकते हुए कहा।
तभी सामने से राहुल अपने दोस्तो के साथ आता हुआ नजर आया।लो जिसको तुम याद कर रही थी वो खुद ही चलकर तुम्हारे पास आ रहा है।राखी ने केहूनी मारकर सुनंदा से कहा।
सुनंदा ने नजर उठाकर देखा सचमुच राहुल उसकी तरफ ही आ रहा था।
पास आते ही राहुल ने कहा _ सॉरी सुनंदा मैने तुम्हारे साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया कॉलेज में एक साथ पढ़ते हुए।मुझे माफ करो।
चूंकि हमदोनो अब कॉलेज से हमेसा के लिए अलग हो रहे हैं इसलिए मैं खुद को रोक नहीं पाया।
उसकी बात सुनकर सुनंदा और उसकी सहेलियां। हैरानी से दोनो को देखती रही।
राखी ने फुसफूसाकर सुनंदा के कान में कहा _ लगता है दोनो तरफ आग बराबर लगी हुई है।चल हट बदमाश कही की ।सुनंदा ने उसे केहुनी मारकर शर्माते हुए कहा।
तुमने मुझे माफ तो कर दिया न सुनंदा।राहुल ने दुबारा कहा ।अरे नही तुम मुझसे माफ़ी क्यों मांग रहे हो राहुल।मैं भी तो तुम्हारी दोषी हूं ।मैंने भी तो तुम्हारे साथ कोई अच्छा व्यवहार नही किया है।माफी तो मुझे मांगनी चाहिए।
अरे यार इतनी देर में तो ट्रेन छूट जायेगी।चलो दोनो एक दूसरे को माफ करो और हाथ मिलाओ । अब से एक नए रिश्ते की शुरुआत करो।राखी ने हंसते हुए कहा और दोनो का हाथ एक दूसरे के हाथ में थमा दिया।
राहुल के दोस्तो और सुनंदा की सहेलियां हंसते हुए तालिया बजाने लगे।दोनो शर्मा गए।
दोनो ने खूब पार्टी किया और एक दूसरे को अपने घर का पता और मोबाइल नंबर दे दिया ।
फिर मिलने का वादा करके दोनो एक दूसरे से अलग हो गए।
राहुल दिल्ली जाकर आई ए एस की परीक्षा की तैयारी करना चाहता था।वो कोई प्रतिष्ठित इंस्टिट्यूट की तलास कर रहा था जहा जाकर वो अपनी तैयारी कर सके।
सुनंदा भी कोई बड़ा नामी एल एल बी कॉलेज ढूंढ रही थी ताकि अपनी वकालत की पढ़ाई पूरी कर प्रेक्टिस शुरू कर सके।
एक दिन राहुल इंटरनेट पर दिल्ली के इंस्टिट्यूट की तलास कर रहा था तभी उसके मोबाईल पर सुनंदा का फोन आया।
क्या कर रहे हो राहुल ।उसने पूछा ।
कुछ नही बस दिल्ली जाने की तैयारी कर रहा हूं।तुम क्या कर रही हो राहुल ने पूछा।
आज मेरा बर्थ डे है मैं पार्टी की तैयारी कर रही हूं।मैने तुम्हे इन्वाइट करने के लिए फोन किया है तुम्हे हर हाल में आना है राहुल।सुनंदा ने चहकते हुए कहा ।मैने केवल खास खास दोस्तो को ही इनवाइट किया है।
अरे वाह बहुत सुंदर अग्रिम बधाई तुमको ।मैं जरूर आऊंगा।इसी बहाने तुमसे मिलने का फिर मौका मिलेगा। दरअसल मैं तुमको ही याद कर रहा था।राहुल ने कहा।
झूठ मत बोलो तुम यदी मुझे याद करते तो मुझे फोन जरूर करते ।लेकिन कॉलेज के बाद मुझे एक बार भी फोन नही किया में बहुत नाराज हूं तुमसे। सुनंदा ने शिकायत करते हुए कहा। अरे सॉरी यार मैं अपने एडमिसन को लेकर थोड़ा बिजी था।चलो माफ करो।आगे से ध्यान रखूंगा।
चलो माफ किया लेकिन आगे से याद रखना मुझे फोन नही करना पड़े। पहले तुमको ही फोन करना पड़ेगा। सुनंदा ने हंसते हुए कहा।
ठीक है बाबा आगे से पूरा ध्यान रखूंगा।राहुल ने भीं हंसकर कहा।
चलो मैं फोन रखती हूं समय पर आ जाना।जबतक तुम नहीं आओगे मैं केक नही काटूंगी याद रखना।
अरे ऐसा मत करना मैं समय पर पहुंच जाऊंगा।
उस दिन सुनंदा को बर्थ डे पार्टी में राहुल जब पहुंचा सुनंदा चहक उठी ।उसने अपने माता पिता से उसका परिचय कराया और बताया राहुल एक आई ए एस ऑफिसर बनना चाहता है।उसके माता पिता को राहुल बहुत: अच्छा लड़का लगा।लेकिन कुछ सोचकर दोनो उदास हो गए।
पार्टी में सुनंदा राहुल और अपनी सहेलियों के साथ खूब इंज्वॉय की।आज की बर्थ डे पार्टी उसके लिए बड़ी स्पेशल थी आज राहुल उसके साथ था।
उसके माता पिता अपनी बेटी की खुशी देखकर बहुत प्रसन्न थे लेकिन कोई चिंता थी जो उन्हे अंदर ही अंदर खाए जा रही थी।
पार्टी खत्म हो गई और सबके साथ राहुल भी चला गया।
सबके जाने के बाद उसकी मां ने चिंतित होकर कहा _ बेटी तुम अपने बारे में जानती हो फिर भी राहुल से क्यों दोस्ती बढ़ा रही हो ।उसे जब तुम्हारी असलियत पता चलेगी तो उसके दिल पर क्या बीतेगी।
मां मैं एक लड़की हूं मेरी भी भावनाएं है।
लेकिन पूरी लड़की नही हो ।उसकी मां ने कहा।
तुम राहुल को कभी भी एक औरत की खुशी नही दे पाओगी।कभी मां नही बन पाओगी।फिर क्यों ये सब कर रही हो।उसकी मां ने चिंता करते हुए कहा।
मैं दिल से मजबूर हूं बाकी लड़कियो की तरह मैं भी किसी के प्यार की इक्षा रखती हूं।सुनंदा ने गंभीर होकर कहा।
बेटी मुझे मालूम है तुम्हारी उम्र में हर लड़की यही चाहती है।लेकिन बाकी लड़कियो से अलग हो ।तुम्हारी जैसी लड़की को किन्नर कहते है।जो न पूरी तरह लड़की होती है न पुरूष।
आज तक हमलोगों ने तुम्हारे बारे में पूरे समाज से छिपाकर रखा है।तुम्हारे पालन पोषण और पढ़ाई लिखाई में भी कोई कमी नहीं किया ।लेकिन राहुल से दोस्ती कर के तुम आग से खेलने जा रही हो।बहुत जल्दी उसे तुम्हारी सच्चाई पता चल जायेगी तब तुम क्या करोगी।उससे दूर रहो ।
नहीं मां मैं राहुल को नही भुला सकती।मैं उसे बहुत प्यार करने लगी हूं ।उसके बिना मैं नही रह सकती।
सुनंदा ने रोते हुए कहा।उसकी मां भी उसे अपनी बांहों में भरकर रोने लगी।उन्हे अपनी बेटी के भाग्य पर रोना आ रहा था।
सुनंदा की मां मुझे अपनी बेटी की खुशी चाहिए ।उसे मत रोको मैं भले ही रेलवे में एक मामूली क्लर्क हूं लेकिन इसके इलाज में अपनी सारी संपत्ति लगा दूंगा।बस मुझे मेरी बेटी की खुशी चाहिए।तभी उसके पिता अशोक दास ने आकर अपनी बेटी के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा।उनकी आंखे भी आंसुओ से गीली हो चुकी थी।

शेष अगले भाग _ 2 में 

लेखक_ श्याम कुंवर भारती
बोकारो , झारखंड




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1 Comments

Mohammed urooj khan

04-Nov-2023 12:34 PM

👍👍👍👍

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